उत्तरापथ

तक्षशिला से मगध तक यात्रा एक संकल्प की . . .

कलियुग के राम


सतयुग में ना राम थे ना रावण
दोनों अवतरित हुए त्रेता में!

कलियुग में भी दोनों नहीं हैं।
ना राम जैसा सत्व है घनीभूत
किसी एक मानव में
ना रावण सा सामर्थ्य
किसी एक दानव में!

अनेकों स्वार्थी गिरोह बना
थोड़ा-थोड़ा कर जमा कर लेते हैं
पर्याप्त रावणत्व!!
मन-मन में बिखरे रामत्व को भी
करना होगा एक
संगठन के द्वारा!!

 

उठो जाम्बवन्त
फिर जगाओ हनुमत स्वाभिमान
उड़ो मारुति फिर गगन मेंसागर लांघ
करो दाह सोने में लिपटा
निपट अभिमान!

और करो आश्वस्त
भयभीत माता को
लेंगे प्रतिशोध
ना व्यर्थ होगा एक भी अपमान!!

 

जागो नल-नील
फिर रचो सेतु
जन्मगत गुटों में उलझे
मानव मन के
भाव सागर में गहराई
पाट दो भेद की खाई

जागो सुग्रीव भेजो अंगद
फिर अड़ा दे जो
संकल्प चरण
हर ले हर दानव की
भ्रष्ट संपदा का वृथा मान

आत्मबल हीन
स्वयं के स्वत्व को भूले
वानरों
चलो फिर रचो व्यूह
गढ़ों धर्म रक्षा चमु
अब के राघव नहीं आएँगे
ना ही लखन
तुम्हें ही बनना होगा
सब कुछ
करना होगा
नाभी का संधान

भोगमय सोने की
लंका का आकर्षण त्याग
फिर देना होगा
सम्मान
जननी जन्मभूमि को

 

करें अपने शीश में
गहरे चुभे मेकौले के
दशशिरों को ध्वंस
और भेदें दानव के
नाभी में छिपे प्राण को …

करें संकल्प
माता को फिर
विश्वगुरु पद पर
प्रतिष्ठित करने का !!!

अक्टूबर 8, 2019 - Posted by | कविता, सामायिक टिपण्णी | , , , , , , ,

9 टिप्पणियां »

  1. संगठन का भाव भरते जा रहे
    हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे।
    निश्चित रूप से सभी मे छिपे रामत्व को संगठित कर माँ भारती को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेंगे।

    टिप्पणी द्वारा दीपसिंहतोमर | अक्टूबर 8, 2019 | प्रतिक्रिया

  2. बहुत सुंदर

    टिप्पणी द्वारा मोहन लाल छीपा | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  3. वर्तमान समय को लेकर बहुत ही सटिक कथन है । भाई साहब🙏

    टिप्पणी द्वारा Sanjay Prasad | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  4. Kavita bahut hi sundar aur shreshtha hai Jo sampurn manav jati ko ak sutra me badhate huye manav kalyan ko prerit kartii hai.

    टिप्पणी द्वारा Rajeev Mishra | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  5. करें संकल्प
    माता को फिर
    विश्वगुरु पद पर
    प्रतिष्ठित करने का !!!

    संकल्प है मैने किया लगा हु काम में।
    नही रुकूँगा न ही लूंगा आराम मैं।।

    टिप्पणी द्वारा डॉ प्रभात | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  6. समसामयिक

    टिप्पणी द्वारा Vijay | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  7. खूप छान! 🙏🏼👌🏼💐

    टिप्पणी द्वारा Veena S. | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  8. त्रेता युग से आधुनिक युग को जोड़ने वाली अद्भुत कविता प्रेरणादाई और जागृत करने वाली कविता

    टिप्पणी द्वारा Dinesh pal | अक्टूबर 9, 2019 | प्रतिक्रिया

  9. वैसे तो इस टिप्पणी का ‘कलियुग के राम’ इस कविता से कोई संबंध नहीं है किन्तु विषय महत्वपूर्ण है अतः इसे स्वीकार कर रहे हैं – संपादक

    प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का क्या हुआ?

    Veterinary university surgeons remove 52 kg of plastic from cow in Chennai

    A stomach full of plastics led to a cow from Thirumullaivoyal, on the outskirts of the city, being brought to the Tamil Nadu Veterinary and Animal Sciences University (TANUVAS) in Vepery.

    The plastics caused severe pain to the animal, and it was observed to frequently kick its stomach with its legs. Subsequently, the yield of milk also dropped.

    It took veterinarians at the university five and half hours to surgically remove a whopping 52 kg of plastic waste from the stomach of the cow.

    The surgery started at 11 a.m. on Friday and ended at 4.30 p.m.

    “It was a long and complicated surgery. Since the wastes were attached to the walls of the rumen, we had to be very careful that we do not damage the wall,” said assistant professor of surgery A. Velavan, who performed the surgery along with another surgeon R. Sivasankar. A team of post-graduate students also participated in the removal of plastics. A few pins and needles were also found among the plastics.

    Despite the long-drawn and demanding nature of the surgery, the entire procedure cost Mr. Munirathanam a mere ₹70 — ₹20 for registration and ₹50 for the actual surgery.

    “At a private veterinary hospital, the cost of such a procedure would be around ₹35,000, half the cost of the cow,” said Dr. Balasubramanian.

    टिप्पणी द्वारा Vishal | अक्टूबर 20, 2019 | प्रतिक्रिया


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